प्रस्तावना:
कठपुतली कला भारत की प्राचीनतम प्रदर्शन कलाओं में से एक है। यह कला भारतीय समाज की संस्कृति, लोककथाओं, परंपराओं और मूल्यों को प्रकट करती है। स्ट्रिंग कठपुतलियाँ विशेष रूप से भारत की पारंपरिक कठपुतली कला का एक महत्वपूर्ण रूप हैं, जिनमें लकड़ी, कपड़े और धागों का उपयोग करके कहानियाँ सुनाई जाती हैं।
स्ट्रिंग कठपुतलियाँ: परिचय
स्ट्रिंग कठपुतली एक प्रकार की कठपुतली होती है जिसे धागों (स्ट्रिंग्स) की सहायता से संचालित किया जाता है। इसे संचालित करने वाले कलाकार धागों को खींचते हैं, जिससे कठपुतलियाँ चलती और अभिनय करती हैं। यह शैली विशेष रूप से लोक संगीत, नृत्य और नाट्य रूपों के साथ जोड़ी जाती है।
इतिहास और महत्व:
प्राचीन भारत का योगदान:
कठपुतली कला का उल्लेख महाभारत और पाणिनी के ग्रंथों में मिलता है।
इसे भारतीय साहित्य और नाट्यशास्त्र के संदर्भ में नृत्य और अभिनय का प्राथमिक स्वरूप माना गया।
धार्मिक और सामाजिक संदेश:
कठपुतलियाँ धार्मिक कथाओं (रामायण, महाभारत) को सरल भाषा में आम जनता तक पहुँचाने का माध्यम बनीं।
इनका उपयोग सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करने और नैतिक शिक्षाएँ देने के लिए किया गया।
राजस्थानी परंपरा:
राजस्थान की कठपुतली कला (कथपुतली) सबसे प्रसिद्ध है, जिसमें लकड़ी की गुड़ियाओं को रंग-बिरंगे कपड़ों में सजाकर प्रस्तुत किया जाता है।
यहाँ की कहानियाँ अक्सर वीरता, प्रेम, और लोककथाओं पर आधारित होती हैं।
मुख्य विशेषताएँ:
सामग्री का उपयोग:
कठपुतलियाँ लकड़ी, कपड़े, और धागों से बनाई जाती हैं।
इन्हें पारंपरिक पेंटिंग और कपड़ों से सजाया जाता है।
संचालन तकनीक:
धागों की सहायता से कठपुतली की अंगभंगियों को नियंत्रित किया जाता है।
कलाकार अपने हाथों की कुशलता से इनका संचालन करते हैं।
संवाद और संगीत:
कथाएँ संवाद, गीत और वाद्य यंत्रों के माध्यम से प्रस्तुत की जाती हैं।
लोकभाषा और संगीत कठपुतली प्रदर्शन का अभिन्न अंग हैं।
सांस्कृतिक महत्व:
लोककथाओं का संरक्षण:
स्ट्रिंग कठपुतलियाँ ग्रामीण भारत की लोककथाओं और परंपराओं को जीवित रखती हैं।
सामाजिक शिक्षा:
यह कला माध्यम सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, अशिक्षा, और भ्रष्टाचार पर प्रहार करती है।
सांस्कृतिक पहचान:
प्रत्येक क्षेत्र की कठपुतली कला उसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान को प्रकट करती है।
उदाहरण: राजस्थान, ओडिशा, तमिलनाडु और कर्नाटक में विभिन्न शैलियाँ।
चुनौतियाँ और संरक्षण:
चुनौतियाँ:
आधुनिक मनोरंजन माध्यमों (टीवी, फिल्म) के कारण इसकी लोकप्रियता में गिरावट।
पारंपरिक कलाकारों की आर्थिक कठिनाइयाँ।
युवा पीढ़ी में इस कला के प्रति घटती रुचि।
संरक्षण के प्रयास:
भारत सरकार की Zonal Cultural Centres और Sangeet Natak Akademi जैसी संस्थाएँ इस कला को प्रोत्साहन देती हैं।
शिल्प मेले और प्रदर्शनियों में कठपुतली कला का प्रदर्शन।
शैक्षणिक कार्यक्रमों और कार्यशालाओं के माध्यम से नई पीढ़ी को इस कला से जोड़ना।
निष्कर्ष:
स्ट्रिंग कठपुतलियाँ भारत की जीवंत संस्कृति और परंपरा का प्रतीक हैं। यह कला केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि लोककथाओं, नैतिक शिक्षाओं और सामाजिक चेतना का एक सशक्त उपकरण भी है। इसे संरक्षित करना न केवल सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा है, बल्कि पारंपरिक कलाओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
1.स्ट्रिंग कठपुतलियों का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?
A) मनोरंजन
B) शिक्षा
C) धार्मिक अनुष्ठान
D) सामाजिक संदेश
सही उत्तर: D) सामाजिक संदेश
व्याख्या
स्ट्रिंग कठपुतलियाँ, जो भारतीय लोककला का एक हिस्सा हैं, का मुख्य उद्देश्य सामाजिक संदेश देना है। यह कला धार्मिक कथाओं, लोककथाओं और नैतिक मूल्यों को सरल तरीके से प्रस्तुत करती है, ताकि आम जनता इनसे जुड़ सके।
हालांकि, इनका उपयोग मनोरंजन (A), शिक्षा (B), और धार्मिक अनुष्ठानों (C) के लिए भी किया जाता है, लेकिन प्राथमिक रूप से इनका उद्देश्य समाज को नैतिक और सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक करना होता है। उदाहरण के लिए, दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार, और शिक्षा का महत्व जैसे मुद्दे।
2.स्ट्रिंग कठपुतलियों की उत्पत्ति किस राज्य में मानी जाती है?
A) राजस्थान
B) उत्तर प्रदेश
C) तमिलनाडु
D) कर्नाटक
उत्तर:A) राजस्थान
व्याख्या:
स्ट्रिंग कठपुतलियाँ, जिन्हें भारत में पारंपरिक रूप से "कथपुतली" कहा जाता है, की उत्पत्ति राजस्थान में मानी जाती है। राजस्थान का यह लोककला रूप अपनी प्राचीनता और समृद्ध परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। यह कला प्राचीन भारतीय संस्कृति और समाज के मनोरंजन, शिक्षा और सामाजिक संदेशों को प्रसारित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम रही है।
3. स्ट्रिंग कठपुतलियों को प्राचीन भारत में किस नाम से जाना जाता था?
A) यक्षगान
B) कथपुतली
C) चक्रव्यूह
D) भंड पाथर
उत्तर: B) कथपुतली
4.राजस्थान की पारंपरिक कठपुतली कला में किस सामग्री का मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है?
A) बांस
B) लकड़ी
C) मिट्टी
D) कागज
उत्तर: B) लकड़ी
5. "कथपुतली" शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
A) कथाएँ सुनाने वाली पुतली
B) राजा की पुतली
C) नाचने वाली पुतली
D) नाटकीय पुतली
उत्तर: A) कथाएँ सुनाने वाली पुतली
6. स्ट्रिंग कठपुतलियों में कलाकार क्या भूमिका निभाते हैं?
A) धागों को नियंत्रित करना और कहानी सुनाना
B) मंच सजाना
C) कठपुतलियों को सजाना
D) केवल संगीत बजाना
उत्तर: A) धागों को नियंत्रित करना और कहानी सुनाना
7. भारत के निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में कठपुतली कला को "थोलु बोम्मलता" कहा जाता है?
A) राजस्थान
B) आंध्र प्रदेश
C) तमिलनाडु
D) कर्नाटक
उत्तर: B) आंध्र प्रदेश
8. स्ट्रिंग कठपुतलियों के प्रदर्शन में कौन-सा संगीत वाद्य यंत्र सबसे अधिक उपयोग होता है?
A) तबला
B) ढोलक
C) सारंगी
D) बांसुरी
उत्तर: C) सारंगी
9. राजस्थान की कठपुतली कला मुख्य रूप से किस प्रकार की कहानियों पर आधारित होती है?
A) पौराणिक कथाएँ
B) ऐतिहासिक कहानियाँ
C) लोककथाएँ और वीरता की गाथाएँ
D) धार्मिक उपदेश
उत्तर: C) लोककथाएँ और वीरता की गाथाएँ
10. भारत सरकार किस संस्था के माध्यम से कठपुतली कला के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रयास करती है?
A) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)
B) संगीत नाटक अकादमी
C) राष्ट्रीय संग्रहालय
D) नेहरू कला केंद्र
उत्तर: B) संगीत नाटक अकादमी
यूपीएससी मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न,
1.स्ट्रिंग कठपुतलियाँ भारतीय लोककला का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी उत्पत्ति, विकास, और भारतीय समाज पर उनके प्रभाव का विश्लेषण करें।"
2."स्ट्रिंग कठपुतली कला का संरक्षण और संवर्धन आज के डिजिटल युग में क्यों आवश्यक है? इस कला को संरक्षित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?"
3"भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कठपुतली कला की विविध शैलियों की तुलना कीजिए। उनकी विशिष्ट विशेषताओं और सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा कीजिए।"
4."आधुनिक भारत में पारंपरिक स्ट्रिंग कठपुतलियों का उपयोग कैसे बदला है? क्या यह कला आज भी सामाजिक जागरूकता और मनोरंजन के लिए प्रासंगिक है?"
5."भारतीय स्ट्रिंग कठपुतली कला को वैश्विक स्तर पर कैसे प्रस्तुत और प्रचारित किया जा सकता है? इसके लिए कौन-से कदम उठाए जाने चाहिए?"
टिप्स:
इन प्रश्नों का उत्तर देते समय ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, और आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखें।
केस स्टडी और उदाहरणों का उपयोग करके अपने उत्तर को समृद्ध बनाएं।
संरक्षण और संवर्धन पर आधारित उत्तर में सरकारी प्रयासों और नीतियों का उल्लेख करें।
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