मंदिर वास्तुकला: नागरा शैली, द्रविड़ शैली और वेसरा शैली
भारतीय मंदिर वास्तुकला का इतिहास विविधताओं से भरपूर है और यह भारतीय संस्कृति, धर्म, और कला की अभिव्यक्ति है। तीन प्रमुख मंदिर वास्तुकला शैलियाँ—नागरा शैली, द्रविड़ शैली, और वेसरा शैली— भारतीय मंदिरों की स्थापत्य कला में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इन शैलियों ने न केवल धार्मिक स्थानों की संरचना को प्रभावित किया, बल्कि भारतीय कला और स्थापत्य के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
1. नागरा शैली (Nagara Style)
विशेषताएँ:
नागरा शैली मुख्य रूप से उत्तरी भारत के मंदिरों में पाई जाती है और यह भारतीय मंदिर वास्तुकला की सबसे प्रमुख शैली मानी जाती है। इसकी विशेषताएँ इसे द्रविड़ और वेसरा शैलियों से अलग करती हैं।
शिखर या वृत्ताकार गुंबद (Shikhara):
नागरा शैली के मंदिरों में शिखर का प्रमुख स्थान होता है, जो मंदिर की छत की शीर्ष पर स्थित एक सीधा या वक्राकार ढांचा होता है। यह शिखर प्रायः लघु शिखरों (अबोधिका) से ढंका होता है। यह एक विशेष प्रकार का संरचनात्मक भाग है जिसे ज्यादातर शिव और विष्णु मंदिरों में देखा जाता है।
मंडप और गर्भगृह:
इस शैली में गर्भगृह (sanctum sanctorum) और मंडप (hall) की संरचना प्रमुख होती है। गर्भगृह में देवता की मूर्ति रखी जाती है, जबकि मंडप में पूजा और सभा आयोजित की जाती है।
कलात्मक नक्काशी और चित्रकला:
नागरा शैली के मंदिरों में कलात्मक नक्काशी और चित्रकला का उपयोग आम था, जिसमें विष्णु, शिव, देवी और अन्य पौराणिक कथाओं की मूर्तियाँ होती थीं।
महत्वपूर्ण उदाहरण:
काची मंदिर (Gwalior)
कांची विजयेश्वर मंदिर
कांची
काशी विश्वनाथ मंदिर
2. द्रविड़ शैली (Dravida Style)
विशेषताएँ:
द्रविड़ शैली का मुख्य रूप से दक्षिण भारत में प्रचलन था और यह मंदिर वास्तुकला की विशिष्ट शैली है। द्रविड़ शैली का विकास पल्लवों से हुआ और यह शैली बाद में चोल, पाण्ड्य और विजय नगर साम्राज्य के दौरान परिपक्व हुई।
विजयमंदिर (Vimana):
द्रविड़ शैली के मंदिरों में विजयमंदिर एक प्रमुख तत्व होता है, जो मंदिर के शीर्ष भाग को दर्शाता है। यह आमतौर पर एक विशाल गुंबद या शिखर से ढका होता है।
गोपुरम (Gopuram):
इस शैली में मंदिर के प्रवेश द्वार पर गोपुरम होता है, जो एक प्रकार का भव्य और विशाल द्वार होता है। गोपुरम को अक्सर बहुत सारी मूर्तियों से सजाया जाता है, और यह द्रविड़ शैली के मंदिरों की प्रमुख पहचान है।
विभिन्न कक्ष और मंडप:
द्रविड़ शैली में बड़े-बड़े मंडप और नक्काशीदार स्तंभ होते हैं, जो पूरी तरह से कारीगरी से सजाए गए होते हैं। इन मंदिरों में बड़ा नवग्रह मंडप और अर्थ मंडप होते हैं, जो पूजा की विभिन्न विधियों के लिए इस्तेमाल होते हैं।
महत्वपूर्ण उदाहरण:
बृहदीश्वर मंदिर (Tanjore)
सरीरपुरी मंदिर (Chidambaram)
मदुरै मंदिर (Meenakshi)
कांचीपुरम
3. वेसरा शैली (Vesara Style)
विशेषताएँ:
वेसरा शैली भारतीय वास्तुकला की एक मिश्रित शैली है, जो नागरा और द्रविड़ शैलियों का संगम है। इस शैली का विकास विशेष रूप से कर्नाटका और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हुआ। वेसरा शैली के मंदिरों में दोनों शैलियों के तत्व होते हैं, जो इसे विशेष रूप से पहचाना जाता है।
मध्यवर्ती शिखर (Shikhara):
वेसरा शैली के मंदिरों में शिखर का डिज़ाइन अक्सर नागरा शैली जैसा होता है, लेकिन गोपुरम के स्थान पर द्रविड़ शैली की विशेषता देखने को मिलती है। यह एक संयोजन है जो दोनों शैलियों के तत्वों का संतुलन बनाए रखता है।
कला और वास्तुकला का मिश्रण:
इस शैली में नक्काशी और मूर्तिकला का उपयोग काफी व्यापक रूप से किया गया है। मूर्तियों में भगवान, देवी, और अन्य धार्मिक प्रतीकों की प्रस्तुति की जाती है।
गर्भगृह और मंडप:
इस शैली में मंदिरों के गर्भगृह और मंडप दोनों को एक विशेष रूप से आकर्षक रूप में डिजाइन किया गया था।
महत्वपूर्ण उदाहरण:
हंपी का विट्ठल मंदिर
बालवल्ली मंदिर
हंजनबरी मंदिर
संक्षेप में विश्लेषण:
1. नागरा शैली:
मुख्य रूप से उत्तरी भारत में विकसित।
शिखर और गर्भगृह के विस्तृत डिजाइन पर ध्यान केंद्रित।
चित्रकला और मूर्तिकला का समृद्ध प्रयोग।
2. द्रविड़ शैली:
दक्षिण भारत में प्रचलित।
गोपुरम और विजयमंदिर की विशिष्टता।
बड़े और आकर्षक मंडप, स्तंभों की वास्तुकला।
3. वेसरा शैली:
नागरा और द्रविड़ शैलियों का संगम।
कर्नाटका और आंध्र प्रदेश में प्रचलित।
मिश्रित शैली के तत्व, शिखर और गोपुरम का सम्मिलन।
UPSC के लिए संबंधित प्रश्न:
1. नागरा और द्रविड़ शैली के बीच प्रमुख भिन्नताएँ क्या हैं?
2. वेसरा शैली के मंदिरों की प्रमुख विशेषताओं पर चर्चा करें।
3. द्रविड़ शैली के गोपुरम का महत्व और उसकी वास्तुकला पर विचार करें।
4. नागरा शैली में शिखर का महत्व और उसका स्थापत्य पर प्रभाव पर विश्लेषण करें।
5. वेसरा शैली के मंदिरों का विकास और उनके स्थापत्य के प्रमुख उदाहरणों पर चर्चा करें।
निष्कर्ष:
नागरा, द्रविड़ और वेसरा शैलियाँ भारतीय मंदिर वास्तुकला के तीन प्रमुख धारा हैं, जो भारतीय धार्मिक, सांस्कृतिक और स्थापत्य कला में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। इन शैलियों की विभिन्नताओं को समझना UPSC के इतिहास और कला विषय में महत्वपूर्ण है।
मंदिर वास्तुकला: नागरा शैली, द्रविड़ शैली, और वेसरा शैली - 20 MCQs (UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए)
प्रश्न 1
नागरा शैली के मंदिरों में किस संरचनात्मक तत्व का प्रमुख स्थान होता है?
a) गोपुरम
b) शिखर
c) मंडप
d) सभामंडप
उत्तर: b) शिखर
प्रश्न 2:
द्रविड़ शैली के मंदिरों में सबसे प्रमुख वास्तु तत्व क्या होता है?
a) शिखर
b) गोपुरम
c) स्तंभ
d) वीमाना
उत्तर: b) गोपुरम
प्रश्न 3:
वेसरा शैली के मंदिरों में किस दो शैलियों का सम्मिलन होता है?
a) नागरा और द्रविड़
b) द्रविड़ और वास्तु
c) नागरा और कश्मीरी
d) द्रविड़ और विक्रमादित्य
उत्तर: a) नागरा और द्रविड़
प्रश्न 4:
नागरा शैली में शिखर का डिज़ाइन किस प्रकार का होता है?
a) गोलाकार
b) गुंबद आकार
c) वक्राकार
d) स्तंभाकार
उत्तर: c) वक्राकार
प्रश्न 5:
द्रविड़ शैली के मंदिरों में गोपुरम का क्या कार्य है?
a) मंदिर का गर्भगृह
b) मंदिर का प्रवेश द्वार
c) मुख्य पूजा स्थल
d) धर्मशाला
उत्तर: b) मंदिर का प्रवेश द्वार
प्रश्न 6:
वेसरा शैली का विकास किस क्षेत्र में हुआ था?
a) मध्य भारत
b) कर्नाटका और आंध्र प्रदेश
c) महाराष्ट्र और गुजरात
d) उत्तर भारत
उत्तर: b) कर्नाटका और आंध्र प्रदे
प्रश्न 7:
द्रविड़ शैली के प्रमुख मंदिरों में से एक है:
a) कांची विजयेश्वर मंदिर
b) बदामी मंदिर
c) बोधगया मंदिर
d) महाबलीपुरम मंदिर
उत्तर: a) कांची विजयेश्वर मंदिर
प्रश्न 8:
नागरा शैली के मंदिरों में गर्भगृह और मंडप की विशेषता किस प्रकार होती है?
a) गोलाकार आकार में
b) आयताकार आकार में
c) चौकोर और विस्तृत
d) त्रिकोणीय आकार में
उत्तर: b) आयताकार आकार में
प्रश्न 9:
वेसरा शैली में किस प्रकार की स्थापत्य शैली का प्रभाव देखा जाता है?
a) शास्त्रीय शैली
b) मिश्रित शैली
c) लोक शैली
d) पौराणिक शैली
उत्तर: b) मिश्रित शैल
प्रश्न 10:
द्रविड़ शैली में विजयमंदिर का महत्व क्या होता है?
a) पूजा स्थल
b) मंदिर का शिखर
c) मंदिर का प्रवेश द्वार
d) मुख्य मठ
उत्तर: b) मंदिर का शिखर
प्रश्न 11:
नागरा शैली के शिखर की विशेषता क्या है?
a) गुंबद के आकार में
b) शंकु के आकार में
c) पिरामिड के आकार में
d) व्रति आकार में
उत्तर: b) शंकु के आकार में
प्रश्न 12:
वेसरा शैली के मंदिरों में गोपुरम का आकार किससे मिलता-जुलता होता है?
a) द्रविड़ शैली
b) नागरा शैली
c) संस्कृत शैली
d) प्राचीन रोमन शैली
उत्तर: a) द्रविड़ शैली
प्रश्न 13:
नागरा शैली के मंदिरों में चित्रकला की विशेषता क्या होती है?
a) गुफा चित्रकला
b) मीनाकारी चित्रकला
c) वास्तु चित्रकला
d) धार्मिक चित्रकला
उत्तर: d) धार्मिक चित्रकला
प्रश्न 14:
द्रविड़ शैली के मंदिरों में स्तंभों का उपयोग किस उद्देश्य से किया जाता है?
a) सजावट के लिए
b) पूजा के लिए
c) ढाँचा मजबूत बनाने के लिए
d) नक्काशी के लिए
उत्तर: c) ढाँचा मजबूत बनाने के लिए
प्रश्न 15:
वेसरा शैली में गर्भगृह का डिज़ाइन किस शैली से मिलता-जुलता है?
a) द्रविड़ शैली
b) नागरा शैली
c) कश्मीरी शैली
d) राजस्थानी शैली
उत्तर: b) नागरा शैली
प्रश्न 16:
द्रविड़ शैली में किस मंदिर में गोपुरम की वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण मिलता है?
a) सांची
b) मदुरै
c) काशी विश्वनाथ
d) महाकवि मंदिर
उत्तर: b) मदुरै
प्रश्न 17:
नागरा शैली के मंदिरों का निर्माण किस अवधि के दौरान हुआ था?
a) मौर्य काल
b) गुप्त काल
c) पल्लव काल
d) विजय नगर काल
उत्तर: b) गुप्त काल
प्रश्न 18:
वेसरा शैली में मंदिरों की वीमाना संरचना किस प्रकार की होती है?
a) लम्बी और ऊँची
b) शंकु आकार की
c) गोलाकार
d) सीधा और विस्तृत
उत्तर: a) लम्बी और ऊँची
प्रश्न 19:
नागरा शैली में मंदिरों की दीवारों पर किस प्रकार की मूर्तियाँ प्रचलित थीं?
a) वैदिक देवताओं की मूर्तियाँ
b) बौद्ध प्रतीक
c) भगवान विष्णु, शिव और देवी की मूर्तियाँ
d) केवल शिलालेख
उत्तर: c) भगवान विष्णु, शिव और देवी की मूर्तियाँ
प्रश्न 20:
द्रविड़ शैली के मंदिरों में किस प्रकार के मंदिरों की शिखर संरचना होती है?
a) शंकु आकार
b) गुंबद आकार
c) पिरामिड आकार
d) शिखर आकार
उत्तर: c) पिरामिड आकार
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